लज़्ज़ते याद
लज़्ज़ते याद मौलाना जामीؓ फ़रमाते हैं. रब की याद की लज़्ज़त यूं हासिल की जाए कि हर वक्त और हर हाल...
Read Moreलज़्ज़ते याद मौलाना जामीؓ फ़रमाते हैं. रब की याद की लज़्ज़त यूं हासिल की जाए कि हर वक्त और हर हाल...
Read Moreघमंड, गुनाह से बढ़कर शेख सादीؓ फ़रमाते हैं. हज़रत ईसाؑ के दौर में एक बहुत गुनाहगार, जिहालत व गुमराही...
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