अवाम की तौबा गुनाह से होती है और खास की तौबा ग़फ़लत से। ग़फ़लत वो नींद है, जो हमें मालूम ही नहीं होता कि हम नींद में हैं। हम समझते ज़रूर हैं कि हम जाग रहे हैं, लेकिन दरअस्ल हम सो रहे होते हैं। इस legal methandienone online नींद से बेदार होने के लिए मुर्शिदे बरहक़ की ज़रूरत होती है, सिर्फ वही इस नींद से उठा सकता है और रब के नूर से दिल को रौशन कर सकता है।